International Tiger Day 2022: विश्व बाघ दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका क्या इतिहास है?

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International Tiger Day 2022: विश्व बाघ दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका क्या इतिहास है?

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है। विश्व स्तर पर बाघों के संरक्षण व उनकी लुप्तप्राय हो रही प्रजाति को बचाने के लिए जागरूकता फैलाना ही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना और बाघ संरक्षण के मुद्दों के लिए जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाना है।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2022 की थीम 

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2022  का विषय “India launches Project Tiger to revive the tiger population” “बाघों की आबादी को बढ़ाने के लिए भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया” है। वे उन पहलों का समर्थन करते हैं भी करते जो बाघों की सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय लोगों के साथ सहयोग करती हैं और अवैध शिकार और अवैध व्यापार के खिलाफ भी कड़ी क़ानूनी कार्रवाई करती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास 

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुरुआत साल 2010 से हुई जब इसे रूस में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में मान्यता दी गई थी। उस समय सभी इस बात से हैरान थे जब एक रिपोर्ट से पता चला कि सभी बाघों में से 97% गायब हो गए है, विश्व स्तर पर सिर्फ 3,900 बाघ ही जीवित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का मुख्य महत्व

WWF विशेषज्ञों व रिपॉर्ट के मुताबिक, पिछले 100 सालों में दुनिया-भर में लगभग 97 फीसदी जंगली बाघों आबादी घट चुकी है। एक सदी पहले लगभग 100,000 बाघों की तुलना में वर्तमान में केवल 3,000 बाघ जीवित हैं। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF), इंटरनेशनल फंड फॉर एनिमल वेलफेयर (IFAW) और स्मिथसोनियन कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट (SCBI) सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी जंगली बाघों के संरक्षण करने में लगे हुए हैं।

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